टेलीफोन की खोज के 75 वर्षों के बाद अमेरिका में 1940 में डिजिटल कंप्यूटर के द्वारा टेलीफोन से लिखा हुआ सन्देश भेजने का प्रयोग किया गया। डा. जॉर्ज स्टीबिट्स ने न्यूयॉर्क में डरमॉउथ कॉलेज से बेल टेलीफोन लैबोरेटरी तक डेटा भेजने के लिए टेलीग्राफ लाइन का प्रयोग किया गया। इसके साथ ही technologies की यात्रा शुरू हुई जो आज भी जारी है।
इसके बाद 1960 में कंप्यूटर बाजार में उपलब्ध हुआ तब इलेक्ट्रॉनिक लॉन्ग डिस्टेंस कम्युनिकेशन (लम्बी दुरी की संचार प्रणाली ) की तकनीक विकसित हो पायी। न्यू स्विचिंग टेक्निक ने पूरी दुनिया में फैलाव के लिए टेलीफोन नेटवर्को को अनुमति दे दी , और ये नेटवर्क उस तेजी से डेटा को ले जा सकते थे जो कंप्यूटर के लिए प्रयाप्त थी।
इसके बाद 1960 में कंप्यूटर बाजार में उपलब्ध हुआ तब इलेक्ट्रॉनिक लॉन्ग डिस्टेंस कम्युनिकेशन (लम्बी दुरी की संचार प्रणाली ) की तकनीक विकसित हो पायी। न्यू स्विचिंग टेक्निक ने पूरी दुनिया में फैलाव के लिए टेलीफोन नेटवर्को को अनुमति दे दी , और ये नेटवर्क उस तेजी से डेटा को ले जा सकते थे जो कंप्यूटर के लिए प्रयाप्त थी।
20 वर्षो बाद यह साबित हुआ की टेलीफोन नेटवर्क के कुछ विशेषताएं डेटा कम्युनिकेशन के लिए आदर्श नहीं थी। यह केबल पर डेटा को ले जाने की भारी क्षमता के योग्य नहीं थे क्योकि ये टेलीफोन नेटवर्क एनालॉग कम्युनिकेशन के लिए डिजाइन किये गए थे। ये ऐसी तकनीक का इस्तेमाल करते थे जिसे सरक्यूट स्विचिंग के नाम से जाना जाता है।
1969 में, यूएस एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी जो रक्षा विभाग का एक हिस्सा थी, ने मेन फ्रेम कम्पूटरो के लिए पहला वाइड एरिआ नेटवर्क बनाया जो बाद में इंटरनेट का आधार बना। इसे ऐसा तगड़ा नेटवर्क बनाने के बनाया गया था जो भीषण युद्ध जैसी घटनाओ में भी कार्यरत रह सके। 1970 के दसक में टेलीफोन सर्विस प्रदान करने वालो ने ब्यवसायिक और शैक्षिक इस्तेमाल के लिए डेटा पैकेट स्विचिंग नेटवर्को को कार्यान्वित करना प्रारम्भ कर दिया।
पैकेट स्विचिंग नेटवर्क कम्युनिकेशन का वह तरीका है जिसमे सन्देश को भेजने से पहले डेटा को छोटे पैकेटो में तोडा जाता है।
पैकेट स्विचिंग नेटवर्क कम्युनिकेशन का वह तरीका है जिसमे सन्देश को भेजने से पहले डेटा को छोटे पैकेटो में तोडा जाता है।
3 Comments
Vinita Singh
(May 3, 2020 - 6:20 pm)Thanku sir…
Unknown
(May 4, 2020 - 1:19 am)धन्यवाद
Unknown
(May 4, 2020 - 4:27 am)Thank u..